पाचन तंत्र को रखें दुरूस्त
पाचन तंत्र को दुरूस्त रखने से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर नहीं होती क्योकि कोरोना वायरस से ज्यादातर व्यक्ति रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर रहने से संक्रमित हुए है। वैसे भी अगर आपको स्वस्थ जीवन जीना है तो अपना पाचन तंत्र दुरूस्त रखना बहुत जरूरी है। पाचन तंत्र हमारे भोजन को ऊर्जा में बदलकर हमारे शरीर को शक्ति और पोषण देता है जिससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनती है और हम रोगांे से दूर रहते हैं। व्यक्ति के शरीर में बहुत सी बीमारियों की जड़ है पेट। अगर व्यक्ति का पाचन तंत्र सही तरह से काम नहीं करता तो व्यक्ति को कब्ज, दस्त, उल्टी, गैस, मोटापा व अन्य कई तरह की बीमारियां घेर लेती है। इतना ही नहीं, भोजन में मौजूद पोषक तत्व शरीर तक पहंुचाता है और अगर हेल्दी भोजन करने के बाद भी शरीर को सही तरह से पोषक तत्व प्राप्त नहीं होते तो आप अपने चिकित्सक से परामर्श लें। तो चलिए जाते हैं इन बदलाव के बारे मेंः-
खाने में ‘फाइबर’ को करें शामिल: अगर आप ऐसे भोजन का सेवन करते हैं, जिनमें फाइबर की अधिकता हो तो इससे पाचनतंत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। पेट की कई परेशानियों जैसे कब्ज, बवासीर, आईबीएस आदि से भी निजात दिलाता है। इसलिए अपने आहार में हाई फाइबर फूड जैसे साबुत अनाज, फल, सब्जियां व फिलयां आदि अवश्य शामिल करें।
पर्याप्त मात्रा में पीएं पानी: शरीर के लिए पानी किसी अमृत से कम नहीं है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने और पाचनतंत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। फाइबर कोलोन में पानी खींचता है, जिससे स्टूल नरम होता है और जिसके कारण व्यक्ति को स्टूल पास करते समय परेशानी नहीं होती। वहीं अगर शरी में पानी की कमी हो तो इससे पाचनतंत्र अपना कार्य सही तरह से नहीं कर पाता और व्यक्ति को अक्सर कब्ज की शिकायत होती है।
इन चीजों का रखे ख्याल: खानपान के अतिरिक्त भी कुछ बातों का ध्यान रखें। मसलन, बुरी आदतों जैसे, धूम्रपान, अत्याधिक कैफीन व अल्कोहल का सेवन न करें। बहुत अधिक तनाव न लें। तनाव को नियंत्रित करने के लिए ऐसी गतिविधियां करें, जो आपको भीतर से खुशी देती हों।
पेट खराब होने के लक्षण: पेट में दर्द, सूजन, अपच, जी मिचलाना, उल्टी आना, पेट के खराब होने के प्रमुख लक्षण हैं। वहीं, पसीने और पैरों में से बदबू आना, मुंहासे, कई बार ब्रश करने के बाद भी सांसों से बदबू आना, अचानक बालों का झड़ना, नाखूनों का खराब होना या टूटने लगना भी पाचन क्रिया में खराबी आने के संकेत हैं। कब्ज या दस्त होना, पेट में ऐंठन, एसिडिटी, सीने में जलन, खाने के बाद पेट फूलना, हमेशा भारीपन रहना भी पेट में खराबी आने के लक्षण हैं।
पाचन तंत्र को नियंत्रित रखने को करें व्यायाम: व्यायाम हमारे पाचन तंत्र के लिए बेहद फायदेमंद हैं। व्यायाम करने से शरीर को बहुत से लाभ मिलते हैं। हम जो भी खाते हैं उससे हमें सही पोषक तत्व मिल जाते हैं, जिससे हमारे शरीर को ऊर्जा मिलती है। व्यायाम करने से हमारी पाचन क्रिया दुरूस्त रहती है, जिससे हमारा शरीर सही से कार्य करता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है: व्यायाम का पाचन तंत्र पर प्रभाव यह है कि इससे पाचन क्षमता मजबूत होती है। व्यायाम करने से हमारी पाचन क्षमता सही रहती है, जिससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने से आप कई रोगों से बचे रहते हैं।
पेट की समस्याओं से पाएं मुक्ति: रोजाना योग व एक्सरसाइज करने से पेट संबंधी आम समस्याओं जैसे, एसिडिटी, कब्ज आदि को दूर करने में मदद मिलती है। यानी पेट के हर रोग से मुक्ति मिलती है। योग के कुछ पोज कब्ज जैसी समस्या को दूर करने में भी सहायक हैं। कार्डियो एक्सरसाइज करने से हमारे शरीर का मेटाबोलिज्म रेट सुधरता है, जिससे हमारे शरीर से कैलोरी जल्दी कम होती है और पाचन तंत्र सही से काम करता है। इस तरीके से व्यायाम का पाचन तंत्र पर प्रभाव पड़ता है।
कौन-कौन से व्यायाम सहायक हैं: अपने पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए आप योग और पिलाटे जैसे हल्के व्यायाम कर सकते हैं। योग में कपालभांति, उस्तरासन, धनुरासन, नौकासन, सेतुबंधासन, हलासन तथा पश्चिमोत्तान आदि भी पाचन तंत्र के लिए लाभदायक हैं। खाने के दो घंटे बाद तक कोई व्यायाम न करें। यही नहीं, पाचन तंत्र को सुधारने के लिए हल्के व्यायाम ही लाभदायक होते हैं।