वेस्ट मलबे के कलेक्शन सेंटर

वेस्ट मलबे के कलेक्शन सेंटर शुरू कर नोएड़ा


प्राधिकरण ने मलबे की समस्या सुलझाई


सख्त प्रशासन एवं कुछ नई व्यवस्था करने की पहचान रखने वाली आईएएस रितु महेश्वरी जो इस समय विकास प्राधिकरण नोएडा की सीईओ है द्वारा व्यवस्था की है कि नोएडा की जनता अपने भवन निर्माण आदि का मलबा इधर-उधर न डालकर प्राधिकरण द्वारा निर्धारित स्थानों पर प्राधिकरण के लोगों को देने की व्यवस्था की है। प्राधिकरण स्तर से 10 कलेक्शन सेंटर से योजना की शुरूआत की है। 6 सेंटर भी शीघ्र शुरू कर दिए जाएंगे।
सेक्टर 62,64,25,50,106 व 127 ममूरा, 94 व 88 में यह सेंटर बनाये गये है। इन स्थानों पर चार दिवारी कर बोर्ड लगा दिए गए है। इन स्थानों पर मुफ्त में मलवा जनता डाल सकेगी। यहां से सम्बन्धित कम्पनी इस मलबे को उठाकर सेक्टर 80 जहां मलबे के इस्तमाल की मशीन लगी है। यह कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन वेस्ट प्रोसिसिंग प्लांट गत 5 अक्तूबर को लगाया गया है। 30 टिन मलबा इक्टठा होने की सूचना है। इस मलबे से उपयोगी चीजे बनने लगी है। इस मलबे से इंटर लाॅकिंग टाईल्स, ब्रिक्स व पेवर ब्लाक आदि बनने लगे है।
जानकारी अनुसार इस प्लांट की क्षमता 300 मीट्रिक टन प्रतिदिन की है। प्राधिकरण इसके उत्पाद से पेवमेंट, सड़क व फुटपाथ आदि के लिए होगा। प्राधिकरण स्तर से जानकारी दी है कि जनता अपने आसपास पड़े मलबे के लिए प्लांट में सूचना देकर निःशुल्क इस मलबे से निजात पा सकते है। प्लांट का दूर माल नम्बर 0120-2970004 है। एक डम्पर सामग्री कम्पनी खुद उठवायेगी इससे कम को खुद सेंटर पहुंचाना होगा। अधिक मलबा प्राधिकरण में 495 रू0 प्रति मीट्रिक टन के हिसाब से जमा कर इसे उठवाया जा सकेगा। 
अधिक मलबे ब्लाक स्तर के उत्पादक बिल्डर्स आदि प्लांट तक मलबा लाते है। तो उनसे 148 रू0 50 पैसे प्रति मीट्रिक प्रोसेसिंग चार्ज प्राधिकरण में जमा कराना होगा। विकास प्राधिकरण गौतमबुद्ध नगर (नोएड़ा) की सीईओ के मलबे से निजात दिलाने व इसका पुनः सदुपयोग कराने की योजना से नोएड़ा की जनता ने राहत की सांस ली है। अपेक्षा की है की पशुओं विशेष रूप से गोवंश के लिए विचरण स्थल एवं गोबर के निस्तारण व उसके सदुपयोग की व्यवस्था कराने की भी अपेक्षा प्राधिकरण सीईओ से की है।
नोएड़ा की भांति अन्य प्राधिकरण नगर निगम पहल करें...
अखिल भारतीय लोकाधिकार संगठन महामंत्री विपुल सिंघल ने उ0प्र0 के मुख्यमंत्री एवं नगर विकास मंत्री को पत्र भेजकर अपेक्षा की है कि नोएड़ा विकास प्राधिकरण की भांति मलबे के निस्तारण की व्यवस्था की भंाति प्रदेश के स्थानीय निकाय व प्राधिकरण इकाईयां अपने स्तर पर नोएड़ा की भांति शुरूआत करें। मलबे के वेस्ट से वैज्ञानिक पद्धति से पुनचक्र करते हुए बहुउपयोगी वस्तुओं में परिवर्तित कर आय बढ़ाएं व सड़क आदि की सामग्री के धन की बचत करें।